1)हर मकसद पूरा हो
जो कोई शख्स आयतुल शरीफ के बाद नमाज़ मगरिब के या मगरिब व इसां नमाज़ के बीच में 2 हज़ार बार पढ़े और ग्यारह दिनों तक लगातार पढ़े इन्शा अल्लाह जो भी मकसद हो पूरा होगा। आयत मुबारक यह है
आयत :- ( व मग्य्म यता बकल्लो अलल हेलाफ़ हुबा हसबु हू।।) www.namannayak.com
जो कोई शख्स आयतुल शरीफ के बाद नमाज़ मगरिब के या मगरिब व इसां नमाज़ के बीच में 2 हज़ार बार पढ़े और ग्यारह दिनों तक लगातार पढ़े इन्शा अल्लाह जो भी मकसद हो पूरा होगा। आयत मुबारक यह है
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